आरती देवी सिद्धिदात्री जी की | Siddhidatri Mata Aarti

Siddhidatri Mata Aarti

जय सिद्धिदात्री माँ तू सिद्धि की दाता।तु भक्तों की रक्षक तू दासों की माता॥ तेरा नाम लेते ही मिलती है सिद्धि।तेरे नाम से मन की होती है शुद्धि॥   कठिन काम सिद्ध करती हो तुम।जभी हाथ सेवक के सिर धरती हो तुम॥ तेरी पूजा में तो ना कोई विधि है।तू जगदम्बें दाती तू सर्व सिद्धि […]

श्री राधा माता जी की आरती | Radha Mata Ki Aarti

Radha Mata Ki Aarti

आरती श्री वृषभानुसुता की,मंजुल मूर्ति मोहन ममता की। त्रिविध तापयुत संसृति नाशिनि,विमल विवेकविराग विकासिनि। पावन प्रभु पद प्रीति प्रकाशिनि,सुन्दरतम छवि सुन्दरता की॥   आरती श्री वृषभानुसुता की। मुनि मन मोहन मोहन मोहनि,मधुर मनोहर मूरति सोहनि। अविरलप्रेम अमिय रस दोहनि,प्रिय अति सदा सखी ललिता की॥   आरती श्री वृषभानुसुता की। संतत सेव्य सत मुनि जनकी,आकर अमित […]

देवी राधिका आरती | Devi Radhika Aarti

Devi Radhika Aarti

आरति श्रीवृषभानुलली की।सत-चित-आनन्द कन्द-कली की॥ भयभन्जिनि भव-सागर-तारिणि,पाप-ताप-कलि-कल्मष-हारिणि, दिव्यधाम गोलोक-विहारिणि,जनपालिनि जगजननि भली की॥   आरति श्रीवृषभानुलली की। सत-चित-आनन्द कन्द-कली की॥ अखिल विश्व-आनन्द-विधायिनि,मंगलमयी सुमंगलदायिनि, नन्दनन्दन-पदप्रेम प्रदायिनि,अमिय-राग-रस रंग-रली की॥   आरति श्रीवृषभानुलली की। सत-चित-आनन्द कन्द-कली की॥ नित्यानन्दमयी आह्लादिनि,आनन्दघन-आनन्द-प्रसाधिनि, रसमयि, रसमय-मन-उन्मादिनि,सरस कमलिनी कृष्ण-अली की॥   आरति श्रीवृषभानुलली की। सत-चित-आनन्द कन्द-कली की॥ नित्य निकुन्जेश्वरि राजेश्वरि,परम प्रेमरूपा परमेश्वरि, गोपिगणाश्रयि गोपिजनेश्वरि,विमल विचित्र […]

श्री अन्नपूर्णा माता जी की आरती | Annapurna Ji Ki Aarti

Annapurna Ji Ki Aarti

बारम्बार प्रणाम, मैया बारम्बार प्रणाम। जो नहीं ध्यावे तुम्हें अम्बिके,कहां उसे विश्राम। अन्नपूर्णा देवी नाम तिहारे,लेते होत सब काम॥   प्रलय युगान्तर और जन्मान्तर,कालान्तर तक नाम। सुर सुरों की रचना करती,कहाँ कृष्ण कहाँ राम॥   चूमहि चरण चतुर चतुरानन,चारु चक्रधरश्याम। चन्द्र चूड़ चन्द्रानन चाकर,शोभा लखहि ललाम॥   देवी देव दयनीय दशा में,दया दया तव नाम। […]

श्री बगलामुखी माता जी की आरती | Bagalamukhi Ji Ki Aarti

Bagalamukhi Ji Ki Aarti

जय जय श्री बगलामुखी माता,आरति करहुँ तुम्हारी। x2 पीत वसन तन पर तव सोहै,कुण्डल की छबि न्यारी॥ कर-कमलों में मुद्गर धारै,अस्तुति करहिं सकल नर-नारी॥   जय जय श्री बगलामुखी माता…। चम्पक माल गले लहरावे,सुर नर मुनि जय जयति उचारी॥ त्रिविध ताप मिटि जात सकल सब,भक्ति सदा तव है सुखकारी॥   जय जय श्री बगलामुखी माता…। पालत […]

श्री नर्मदा माता जी की आरती | Narmada Ji Ki Aarti

Narmada Ji Ki Aarti

ॐ जय जगदानन्दी,मैया जय आनंद कन्दी। ब्रह्मा हरिहर शंकर रेवा,शिव हरि शंकर रुद्री पालन्ती॥   ॐ जय जगदानन्दी…॥ देवी नारद शारद तुम वरदायक,अभिनव पदचण्डी। सुर नर मुनि जन सेवत,सुर नर मुनि शारद पदवन्ती॥   ॐ जय जगदानन्दी…॥ देवी धूमक वाहन राजत,वीणा वादयन्ती। झूमकत झूमकत झूमकत,झननन झननन रमती राजन्ती॥   ॐ जय जगदानन्दी…॥ देवी बाजत ताल […]

श्री शाकम्भरी माता जी की आरती | Shakambhari Ji Ki Aarti

Shakambhari Ji Ki Aarti

हरि ॐ श्री शाकम्भर अम्बा जी कीआरती कीजो। ऐसो अद्भुत रूप हृदय धर लीजो,शताक्षी दयालु की आरती कीजो। तुम परिपूर्ण आदि भवानी माँ,सब घट तुम आप बखानी माँ।   श्री शाकम्भर अम्बा जी की आरती कीजो। तुम्हीं हो शाकम्भरी,तुम ही हो शताक्षी माँ। शिव मूर्ति माया,तुम ही हो प्रकाशी माँ।   श्री शाकम्भर अम्बा जी […]

श्री शारदा माता जी की आरती | Sharda Ji Ki Aarti

Sharda Ji Ki Aarti

भुवन विराजी शारदामहिमा अपरम्पार। भक्तों के कल्याण कोधरो मात अवतार॥   मैया शारदा तोरे दरबार आरती नित गाऊँ। x3 नित गाऊँ मैयानित गाऊँ। x2 मैया शारदा तोरे दरबारआरती नित गाऊँ। x2 श्रद्धा को दीया प्रीत की बातीअसुअन तेल चढ़ाऊँ। x2 दर्श तोरे पाऊँ। मैया शारदा तोरे दरबार आरती नित गाऊँ। x3 मन की माला आँख के मोतीभाव के फूल चढ़ाऊँ। x2 […]

जानकी माता आरती | Janaki Mata Aarti

Janaki Mata Aarti

आरती कीजै श्रीजनक लली की। राममधुपमन कमल कली की॥ आरती कीजै श्रीजनक लली की…॥ रामचन्द्र, मुखचन्द्र चकोरी। अन्तर साँवर बाहर गोरी। सकल सुमन्गल सुफल फली की॥ आरती कीजै श्रीजनक लली की…॥ पिय दृगमृग जुग-वन्धन डोरी, पीय प्रेम रस-राशि किशोरी। पिय मन गति विश्राम थली की॥ आरती कीजै श्रीजनक लली की…॥ रूप-रास गुननिधि जग स्वामिनि, प्रेम […]

सीता माता आरती | Sita Mata Aarti

Sita Mata Aarti

आरती श्री जनक दुलारी की।सीताजी रघुवर प्यारी की॥ आरती श्री जनक दुलारी की।सीताजी रघुवर प्यारी की॥   आरती श्री जनक दुलारी की। सीताजी रघुवर प्यारी की॥ जगत जननी जग की विस्तारिणि,नित्य सत्य साकेत-विहारिणि, परम दयामयी दीनोद्वारिणि,सीता मैया भक्तन हितकारी की॥   आरती श्री जनक दुलारी की। सीताजी रघुवर प्यारी की॥ सती श्रोमणि पति हित कारिणि,पति […]

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