शनिदेव की आरती | Shri Shanidev Ki Aarti

जय जय श्री शनिदेवभक्तन हितकारी। सूरज के पुत्र प्रभुछाया महतारी॥ जय जय श्री शनिदेव भक्तन हितकारी॥ श्याम अंग वक्र-दृष्टिचतुर्भुजा धारी। निलाम्बर धार नाथगज की असवारी॥ जय जय श्री शनिदेव भक्तन हितकारी॥ क्रीट मुकुट शीश सहजदिपत है लिलारी। मुक्तन की माल गलेशोभित बलिहारी॥ जय जय श्री शनिदेव भक्तन हितकारी॥ मोदक और मिष्ठान चढ़े,चढ़ती […]
श्री नरसिंह भगवान की आरती | Narsingh Bhagwan Ki Aarti

ॐ जय नरसिंह हरे,प्रभु जय नरसिंह हरे। स्तम्भ फाड़ प्रभु प्रकटे,स्तम्भ फाड़ प्रभु प्रकटे, जन का ताप हरे॥ ॐ जय नरसिंह हरे॥ तुम हो दीन दयाला, भक्तन हितकारी,प्रभु भक्तन हितकारी। अद्भुत रूप बनाकर,अद्भुत रूप बनाकर, प्रकटे भय हारी॥ ॐ जय नरसिंह हरे॥ सबके ह्रदय विदारण, दुस्यु जियो मारी,प्रभु दुस्यु जियो मारी। दास जान अपनायो,दास जान […]
आरती श्री नरसिंह भगवान जी की | Narsingh Bhagwan Ki Aarti

आरती कीजै नरसिंह कुँवर की।वेद विमल यश गाऊँ मेरे प्रभुजी॥ पहली आरती प्रह्लाद उबारे।हिरणाकुश नख उदर विदारे॥ दूसरी आरती वामन सेवा।बलि के द्वार पधारे हरि देवा॥ तीसरी आरती ब्रह्म पधारे।सहसबाहु के भुजा उखारे॥ चौथी आरती असुर संहारे।भक्त विभीषण लंक पधारे॥ पाँचवीं आरती कंस पछारे।गोपी ग्वाल सखा प्रतिपाले॥ तुलसी को पत्र कण्ठ मणि […]
आरती श्री गोवर्धन महाराज की | Shri Govardhan Aarti

श्री गोवर्धन महाराज, ओ महाराज,तेरे माथे मुकुट विराज रहेओ। तोपे पान चढ़े तोपे फूल चढ़े,तोपे चढ़े दूध की धार। तेरे माथे मुकुट विराज रहेओ। तेरी सात कोस की परिकम्मा,चकलेश्वर है विश्राम। तेरे माथे मुकुट विराज रहेओ। तेरे गले में कण्ठा साज रहेओ,ठोड़ी पे हीरा लाल। तेरे माथे मुकुट विराज रहेओ। तेरे कानन कुण्डल चमक […]
आरती श्री जगदीशजी | Shree Jagdish Ji Ki Aarti

ॐ जय जगदीश हरे, स्वामी ! जय जगदीश हरे। भक्त जनों के संकट, क्षण में दूर करे॥ ॐ जय जगदीश हरे। जो ध्यावे फल पावे, दुःख विनसे मन का। स्वामी दुःख विनसे मन का। सुख सम्पत्ति घर आवे, कष्ट मिटे तन का॥ ॐ जय जगदीश हरे। मात-पिता तुम मेरे, शरण गहूँ मैं किसकी। स्वामी शरण […]
श्री लक्ष्मीनारायण आरती | Shri Lakshminarayana Aarti

जय लक्ष्मी-विष्णो।जय लक्ष्मीनारायण, जय लक्ष्मी-विष्णो।जय माधव, जय श्रीपति, जय, जय, जय विष्णो॥ जय लक्ष्मी-विष्णो। जय चम्पा सम-वर्णेजय नीरदकान्ते। जय मन्द स्मित-शोभेजय अदभुत शान्ते॥ जय लक्ष्मी-विष्णो। कमल वराभय-हस्तेशङ्खादिकधारिन्। जय कमलालयवासिनिगरुडासनचारिन्॥ जय लक्ष्मी-विष्णो। सच्चिन्मयकरचरणेसच्चिन्मयमूर्ते। दिव्यानन्द-विलासिनिजय सुखमयमूर्ते॥ जय लक्ष्मी-विष्णो। तुम त्रिभुवन की माता,तुम सबके त्राता। तुम लोक-त्रय-जननी,तुम सबके धाता॥ जय लक्ष्मी-विष्णो। तुम धन जन […]
भगवान बदरीनाथ आरती | Lord Badarinatha Aarti

जय जय श्री बदरीनाथजयति योग ध्यानी॥ जय जय श्री बदरीनाथजयति योग ध्यानी॥ जय जय श्री बदरीनाथ…॥ निर्गुण सगुण स्वरूप,मेधवर्ण अति अनूप। सेवत चरण सुरभूप,ज्ञानी विज्ञानी॥ जय जय श्री बदरीनाथ…॥ झलकत है शीश छत्र,छवि अनूप अति विचित्र। बरनत पावन चरित्रसकुचत बरबानी॥ जय जय श्री बदरीनाथ…॥ तिलक भाल अति विशाल,गल में मणि मुक्त-माल। प्रनतपाल […]
आरती श्री सत्यनारायणजी | Shree Satyanarayan Ki Aarti

जय लक्ष्मीरमणा श्री जय लक्ष्मीरमणा। सत्यनारायण स्वामी जनपातक हरणा॥ जय लक्ष्मीरमणा। रत्नजड़ित सिंहासन अद्भुत छवि राजे। नारद करत निराजन घंटा ध्वनि बाजे॥ जय लक्ष्मीरमणा। प्रगट भये कलि कारण द्विज को दर्श दियो। बूढ़ो ब्राह्मण बनकर कंचन महल कियो॥ जय लक्ष्मीरमणा। दुर्बल भील कठारो इन पर कृपा करी। चन्द्रचूड़ एक राजा जिनकी विपति हरी॥ जय लक्ष्मीरमणा। […]
श्री पुरुषोत्तम देव की आरती | Purushottam Dev Ki Aarti

जय पुरुषोत्तम देवा,स्वामी जय पुरुषोत्तम देवा। महिमा अमित तुम्हारी,सुर-मुनि करें सेवा॥ जय पुरुषोत्तम देवा॥ सब मासों में उत्तम,तुमको बतलाया। कृपा हुई जब हरि की,कृष्ण रूप पाया॥ जय पुरुषोत्तम देवा॥ पूजा तुमको जिसनेसर्व सुक्ख दीना। निर्मल करके काया,पाप छार कीना॥ जय पुरुषोत्तम देवा॥ मेधावी मुनि कन्या,महिमा जब जानी। द्रोपदि नाम सती से,जग ने […]
शिवजी की आरती | Shiv Ji Ki Aarti

ॐ जय शिव ओंकारा,स्वामी जय शिव ओंकारा। ब्रह्मा, विष्णु, सदाशिव,अर्द्धांगी धारा॥ ॐ जय शिव ओंकारा॥ एकानन चतुराननपञ्चानन राजे। हंसासन गरूड़ासनवृषवाहन साजे॥ ॐ जय शिव ओंकारा॥ दो भुज चार चतुर्भुजदसभुज अति सोहे। त्रिगुण रूप निरखतेत्रिभुवन जन मोहे॥ ॐ जय शिव ओंकारा॥ अक्षमाला वनमालामुण्डमाला धारी। त्रिपुरारी कंसारीकर माला धारी॥ ॐ जय शिव ओंकारा॥ […]