श्री खाटू श्यामजी की आरती | Aarti Shri Shyam Baba Ki

Aarti Shri Shyam Baba Ki

ॐ जय श्री श्याम हरे,बाबा जय श्री श्याम हरे। खाटू धाम विराजत,अनुपम रूप धरे॥   ॐ जय श्री श्याम हरे॥ रतन जड़ित सिंहासन,सिर पर चंवर ढुरे। तन केसरिया बागो,कुण्डल श्रवण पड़े॥   ॐ जय श्री श्याम हरे॥ गल पुष्पों की माला,सिर पर मुकुट धरे। खेवत धूप अग्नि पर,दीपक ज्योति जले॥   ॐ जय श्री श्याम […]

श्री साईं बाबा आरती | Shri Sai Baba Aarti

Shri Sai Baba Aarti

आरती श्री साईं गुरुवर की,परमानन्द सदा सुरवर की। जा की कृपा विपुल सुखकारी,दु:ख शोक, संकट, भयहारी॥   आरती श्री साईं गुरुवर की,परमानन्द सदा सुरवर की।   शिरडी में अवतार रचाया,चमत्कार से तत्व दिखाया। कितने भक्त चरण पर आये,वे सुख शान्ति चिरंतन पाये॥   आरती श्री साईं गुरुवर की,परमानन्द सदा सुरवर की।   भाव धरै जो […]

गोरख आरती | Shri Gorakha Aarti

Shri Gorakha Aarti

जय गोरख देवाजय गोरख देवा। कर कृपा मम ऊपरनित्य करूं सेवा॥   शीश जटा अतिसुन्दर भाल चन्द्र सोहे। कानन कुण्डल झलकतनिरखत मन मोहे॥   गल सेली विच नाग सुशोभिततन भस्मी धारी। आदि पुरुषयोगीश्वर सन्तन हितकारी॥   नाथ निरंजन आप हीघट-घट के वासी। करत कृपा निज जन परमेटत यम फांसी॥   ऋद्धि सिद्धि चरणों मेंलोटत माया […]

आरती प्रेतराज की कीजै | Shri Pretraj Aarti

Shri Pretraj Aarti

दीन दुखिन के तुम रखवाले,संकट जग के काटन हारे। बालाजी के सेवक जोधा,मन से नमन इन्हें कर लीजै।   जिनके चरण कभी ना हारे,राम काज लगि जो अवतारे। उनकी सेवा में चित्त देते,अर्जी सेवक की सुन लीजै।   बाबा के तुम आज्ञाकारी,हाथी पर करे असवारी। भूत जिन्न सब थर-थर काँपे,अर्जी बाबा से कह दीजै।   […]

श्रीमद भगवद गीता आरती | Shrimad Bhagavad Gita Aarti

Shrimad Bhagavad Gita Aarti

जय भगवद् गीते,माताा जय भगवद् गीते। हरि हिय कमल विहारिणिसुन्दर सुपुनीते॥   जय भगवद् गीते, माताा जय..॥ कर्म सुमर्म प्रकाशिनिकामासक्तिहरा। तत्त्वज्ञान विकाशिनिविद्या ब्रह्म परा॥   जय भगवद् गीते, माताा जय..॥ निश्चल भक्ति विधायिनिनिर्मल मलहारी। शरण रहस्य प्रदायिनिसब विधि सुखकारी॥   जय भगवद् गीते, माताा जय..॥ राग द्वेष विदारिणिकारिणि मोद सदा। भव भय हारिणि तारिणिपरमानन्दप्रदा॥   […]

पितर आरती | Shri Pitar Aarti

Shri Pitar Aarti

जय जय पितरजी महाराज,मैं शरण पड़यो हूँ थारी। शरण पड़यो हूँ थारी बाबा,शरण पड़यो हूँ थारी॥ आप ही रक्षक आप ही दाता,आप ही खेवनहारे। मैं मूरख हूँ कछु नहि जाणू,आप ही हो रखवारे॥   जय जय पितरजी महाराज। आप खड़े हैं हरदम हर घड़ी,करने मेरी रखवारी। हम सब जन हैं शरण आपकी,है ये अरज गुजारी॥ […]

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