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Know the importance of Daan in Hinduism scripted in GARUD-PURAN

What is the importance of Daan in Hindu religion?

Table of Contents

सनातन धर्म में दान के अनेक महत्व बताए गए है

आइये जानते है कलियुग में दान के महत्व

दान का अर्थ :- सत्पात्र (श्रेष्ठ और योग्य व्यक्ति) श्रृद्धापूर्वक किये गए अर्थ (भोग्य या वस्तु) का प्रतिपादन दान कहलाता है |

इस लोक में यह दान भोग तथा परलोक में मोक्ष प्रदान करनेवाला है | 

मनुष्य को चाहिए की वह न्यायपूर्वक अर्थका उपार्जन करे, क्योंकि न्यायपूर्वक उपार्जित अर्थका ही दान भोग सफल होता है | 

Importance of Daan in Hindu religion

आइये जानते है गरुड़-पुराण में किस दान से क्या फल प्राप्ति का विवरण है

  1. जलदान   — तृप्ति
  2. अन्न दान  — अक्षय सुख
  3. भूमिदान  — समस्त अभिलषितः पदार्थ
  4. दीपदान   — उत्तमनेत्र
  5. सुवर्णदान — दीर्घ आयु:
  6. गृहदान    — उत्तम भवन
  7. रजतदान — उत्तम रूप की प्राप्ति
  8. वस्त्रदान — चन्द्रलोक की प्राप्ति
  9. अश्वदान — अश्विनी कुमार के लोक की प्राप्ति
  10. वृषभका दान — विपुल सम्पति
  11. गौ दान — सूर्यलोक की प्राप्ति
  12. तिलदान — संतान

भयभीत को अभय प्रदान करने से ऐश्वर्य की प्राप्ति होती है,

धन्या: दान से अनन्त अविनाशी सुख,

वेद ध्यान पन्नन से ब्रम्हा का सानिध्य लाभ है |

गाय को घास देने से पापो से मुक्ति,

जो मानुष्य परलोक में अक्षय सुख की अभिलाषा रखता है | उसे अपने लिए संसार या घर में जो वस्तु प्रिय है | उस वस्तु का दान सर्वाधिक ब्राह्मण को करना चाहिए |

दान धर्म से बढ़कर संसार में कोई या धर्म नहीं है |

गो, ब्राह्मण, अग्नि तथा देवो को दिए जाने वाले दान से जो व्यक्ति मोहवश दुसरो को रोकता है वह पक्षी की योनि को प्राप्त करता है | 

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