श्री परशुराम आरती | Shri Parashurama Aarti

ॐ जय परशुधारी,स्वामी जय परशुधारी। सुर नर मुनिजन सेवत,श्रीपति अवतारी॥ ॐ जय परशुधारी…॥ जमदग्नी सुत नर-सिंह,मां रेणुका जाया। मार्तण्ड भृगु वंशज,त्रिभुवन यश छाया॥ ॐ जय परशुधारी…॥ कांधे सूत्र जनेऊ,गल रुद्राक्ष माला। चरण खड़ाऊँ शोभे,तिलक त्रिपुण्ड भाला॥ ॐ जय परशुधारी…॥ ताम्र श्याम घन केशा,शीश जटा बांधी। सुजन हेतु ऋतु मधुमय,दुष्ट दलन आंधी॥ […]
श्री गिरिराज आरती | Shri Giriraj Aarti

ॐ जय जय जय गिरिराज,स्वामी जय जय जय गिरिराज। संकट में तुम राखौ,निज भक्तन की लाज॥ ॐ जय जय जय गिरिराज…॥ इन्द्रादिक सब सुर मिलतुम्हरौं ध्यान धरैं। रिषि मुनिजन यश गावें,ते भवसिन्धु तरैं॥ ॐ जय जय जय गिरिराज…॥ सुन्दर रूप तुम्हारौश्याम सिला सोहें। वन उपवन लखि-लखि केभक्तन मन मोहें॥ ॐ जय जय […]
श्री चित्रगुप्त जी की आरती | Lord Chitragupta Aarti

ॐ जय चित्रगुप्त हरे,स्वामी जय चित्रगुप्त हरे। भक्त जनों के इच्छित,फल को पूर्ण करे॥ ॐ जय चित्रगुप्त हरे…॥ विघ्न विनाशक मंगलकर्ता,सन्तन सुखदायी। भक्तन के प्रतिपालक,त्रिभुवन यश छायी॥ ॐ जय चित्रगुप्त हरे…॥ रूप चतुर्भुज,श्यामल मूरति, पीताम्बर राजै। मातु इरावती,दक्षिणा, वाम अङ्ग साजै॥ ॐ जय चित्रगुप्त हरे…॥ कष्ट निवारण, दुष्ट संहारण,प्रभु अन्तर्यामी। सृष्टि संहारण, […]
आरती श्री कुबेर जी की | Shri Kubera Aarti

ऊँ जै यक्ष कुबेर हरे,स्वामी जै यक्ष जै यक्ष कुबेर हरे। शरण पड़े भगतों के,भण्डार कुबेर भरे॥ ऊँ जै यक्ष कुबेर हरे…॥ शिव भक्तों में भक्त कुबेर बड़े,स्वामी भक्त कुबेर बड़े। दैत्य दानव मानव से,कई-कई युद्ध लड़े॥ ऊँ जै यक्ष कुबेर हरे…॥ स्वर्ण सिंहासन बैठे,सिर पर छत्र फिरे, स्वामी सिर पर छत्र फिरे। […]
आरती श्री धन्वन्तरि जी की | Lord Dhanvantari Aarti

जय धन्वन्तरि देवा,जय धन्वन्तरि जी देवा। जरा-रोग से पीड़ितजन-जन सुख देवा॥ जय धन्वन्तरि देवा…॥ तुम समुद्र से निकले,अमृत कलश लिए। देवासुर के संकटआकर दूर किए॥ जय धन्वन्तरि देवा…॥ आयुर्वेद बनाया,जग में फैलाया। सदा स्वस्थ रहने का,साधन बतलाया॥ जय धन्वन्तरि देवा…॥ भुजा चार अति सुन्दर,शंख सुधा धारी। आयुर्वेद वनस्पति सेशोभा भारी॥ जय […]
श्री विश्वकर्मा आरती | Shri Vishwakarma Aarti

प्रभु श्री विश्वकर्मा घर आवोप्रभु विश्वकर्मा। सुदामा की विनय सुनीऔर कंचन महल बनाये। सकल पदारथ देकर प्रभु जीदुखियों के दुख टारे॥ प्रभु श्री विश्वकर्मा घर आवो…॥ विनय करी भगवान कृष्ण नेद्वारिकापुरी बनाओ। ग्वाल बालों की रक्षा कीप्रभु की लाज बचायो॥ प्रभु श्री विश्वकर्मा घर आवो…॥ रामचन्द्र ने पूजन कीतब सेतु बांध रचि […]
आरती श्री ब्रह्मा जी | Shri Brahma Aarti

पितु मातु सहायक स्वामी सखा,तुम ही एक नाथ हमारे हो। जिनके कुछ और आधार नहीं,तिनके तुम ही रखवारे हो। सब भाँति सदा सुखदायक हो,दुःख निर्गुण नाशन हारे हो। प्रतिपाल करो सिगरे जग को,अतिशय करुणा उर धारे हो। भुलि हैं हम तो तुमको,तुम तो हमरी सुधि नाहिं बिसारे हो। उपकारन को कछु अन्त नहीं,छिन […]
श्री भैरव आरती | Shri Bhairava Aarti

सुनो जी भैरव लाड़िले,कर जोड़ कर विनती करूँ। कृपा तुम्हारी चाहिए,मैं ध्यान तुम्हारा ही धरूँ। मैं चरण छुता आपके,अर्जी मेरी सुन लीजिये॥ सुनो जी भैरव लाड़िले॥ मैं हूँ मति का मन्द,मेरी कुछ मदद तो कीजिये। महिमा तुम्हारी बहुत,कुछ थोड़ी सी मैं वर्णन करूँ॥ सुनो जी भैरव लाड़िले॥ करते सवारी स्वान की,चारों दिशा में […]
श्री रामायणजी की आरती | Aarti Shri Ramayanji Ki

आरती श्री रामायण जी की।कीरति कलित ललित सिया-पी की॥ गावत ब्राह्मादिक मुनि नारद।बालमीक विज्ञान विशारद। शुक सनकादि शेष अरु शारद।बरनि पवनसुत कीरति नीकी॥ आरती श्री रामायण जी की। कीरति कलित ललित सिया-पी की॥ गावत वेद पुरान अष्टदस।छओं शास्त्र सब ग्रन्थन को रस। मुनि-मन धन सन्तन को सरबस।सार अंश सम्मत सबही की॥ आरती श्री […]
आरती श्री सूर्य जी | Shri Surya Deva Aarti

जय कश्यप-नन्दन,ॐ जय अदिति नन्दन। त्रिभुवन – तिमिर – निकन्दन,भक्त-हृदय-चन्दन॥ जय कश्यप-नन्दन, ॐ जय अदिति नन्दन। सप्त-अश्वरथ राजित,एक चक्रधारी। दु:खहारी, सुखकारी,मानस-मल-हारी॥ जय कश्यप-नन्दन, ॐ जय अदिति नन्दन। सुर – मुनि – भूसुर – वन्दित,विमल विभवशाली। अघ-दल-दलन दिवाकर,दिव्य किरण माली॥ जय कश्यप-नन्दन, ॐ जय अदिति नन्दन। सकल – सुकर्म – प्रसविता,सविता शुभकारी। विश्व-विलोचन […]